एक अजीब सी दुनिया हो गई है ये...लोग तभी बिलखते हैं जब उनके ख़ुद के दिल में दर्द होता है...सब कुछ अपने हिसाब से ....दूसरों की त्वचा की मोटाई भी अपने हिसाब से देखना पसन्द करने वाली दुनिया, दूसरों की संवेदनशीलता पर भी अपना आधिपत्य जमाने वाली दुनिया....अजीब सी ख़ुदगर्ज़...
जाके पाँव न फटी बिबाई , वो क्या जाने पीर पराई ..
ReplyDeleteसब कलयुग की माया है| धन्यवाद|
ReplyDeletePragya....sach kahti ho....duniya khudgarz to hai!
ReplyDeleteSach kaha ..
ReplyDeleteकम शब्दों में बहुत बड़ी और सच बात ..आपका शुक्रिया
ReplyDeleteआपको एवं आपके परिवार को होली की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDelete