Friday, March 26, 2010




जंगली मन का जीना,
जैसे हर दिन एक नया जंगल
जीना...
जंगली मन के साथ,
सुबह-शाम-दिन-रात..

Saturday, March 6, 2010

कुछ ऐसे सरल उपाय जिन्हें अपनी दिनचर्या में शामिल करके आप तनाव और इसके प्रभावों को अपने-आप से कोसों दूर रख सकते हैं...पढ़िए,,आसान हैं और मजेदार भी!

हमने अक्सर लोगों से यह सुना है कि ज़िन्दगी हमें एक या अधिक-से-अधिक दो मौके देती है लेकिन यदि आप जीवन में अधिक से अधिक मौके पाना चाहते हैं तो हर परिस्थिति में अपने-आप को शांत और धैर्यवान बनाने की कोशिश कीजिए। हालांकि आज की भागदौड़ भरी ज़िन्दगी में हममें से अधिकतर लोग ऐसा कर नहीं पाते। बढ़ती महंगाई, बच्चों की पढ़ाई, करियर, डेडलाइनें, ट्रैफिक जाम,...कई ऐसी चीज़े हैं जिनसे बचा नहीं जा सकता। तनाव हमारे जीवन में ऐसा घर कर गया है कि इसे अपनी जीवनचर्या से निकालना असम्भव सा हो गया है।
शायद हममें से कई लोग यह नहीं जानते कि अधिक तनाव हमें कई तरह की शारीरिक समस्याएँ देता है, जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं: मांसपेशियों का खिंचाव, चिंता, चक्कर आना, दिल की धड़कनों का तेज़ होना, सर में दर्द, भूख कम लगना, अस्थमा, मधुमेह, एलर्जी, पीठ का दर्द, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता का कम होता जाना, हाईपरटेंशन होना, आत्मविश्वास की कमी, डर, डिप्रेशन, हृदय संबंधित रोग और यहाँ तक कि कैंसर भी। इसके अलावा तनाव की वज़ह से हमें अल्सर, माइग्रेन तथा पाचन संबंधित बीमारियाँ भी हो सकती हैं।
इन घातक बीमारियों का शिकार होने से बेहतर है कि हम तनाव को अपने जीवन से निकाल बाहर करें और यदि हम इसे अपने जीवन से निकाल नहीं सकते हैं तो इसे अपने ऊपर हावी न होने देने के तरीकों के बारे में जानें और इन बीमारियों से दूर एक बेहतर और खुशहाल जीवन बिताएँ। ऐसे कई तरीके हैं जिनकी मदद से हम इसी तनावग्रस्त दुनिया में रहते हुए और यही जीवन जीते हुए कई बीमारियों के जड़ इस तनाव से दूर रह सकते हैं। इन नुस्खों को अपनाइए और देखिए कि कैसे तनाव आपके लिए कम खतरनाक होता जाता है:
1. मसाज कराएँ मसाज हमारे शरीर और मन दोनों को शिथिल करता है और यहीं से हमारे मन को शांति मिलनी शुरु होती है। कहते हैं जब शरीर को आराम मिलता है तो मानसिक चिंताएँ अपने-आप कम होने लगती हैं। मसाज हमारे रक्त संचार को बढ़ाता है और बढ़ा हुआ रक्त संचार हमारे शरीर को ताज़ा ऑक्सीजन लेने में सहायक होता है। और यह तो हम सभी जानते हैं कि ताज़ा ऑक्सीजन हमें कई बीमारियों से बचाता है। तो जब भी तनाव हो मसाज कराएँ और वैसे भी यह सुविधा तो आप घर बैठे प्राप्त कर सकते हैं। वैसे मसाज आपको टच थेरैपी भी उपलब्ध कराता है जो तनाव मिटाने में काफी सहायक सिद्ध होता है।
2. एक्यूप्रेशर और एक्यूपंचर: ये दोनों ही तनाव भगाने की एक बहुत ही कारगर और आसान तकनीक है क्योंकि आप इसे कहीं भी और कभी भी इस्तेमाल में ला सकते हैं। इनसे आप सर दर्द, एलर्जी, गर्दन और पीठ के दर्द तथा कई प्रकार के न्यूरोलॉजिकल डिसॉर्डर इत्यादि से छुटकारा प्राप्त कर सकते हैं।
 3. योग व व्यायाम: यह तो आजकल हम सभी जानते हैं कि नियमित योग, व्यायाम, सुबह-शाम की वॉक और साइकिलिंग जैसी गतिविधियाँ न हमें सिर्फ शारीरिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रखती हैं बल्कि किसी भी प्रकार की नकारात्मक विचारों से दूर रख कर मानसिक रूप से भी फिट रखने में सहायक होती हैं।

4. हँसे-गाएँ: और न सिर्फ हँसे बल्कि खुल कर, जी भर कर हँसे, और यदि हँसी ऐसे न आए तो कोई कॉमेडी फिल्म देखें, कोई मज़ेदार पुरानी बात याद करें...
बच्चों के साथ खेलें या ज़ोर-ज़ोर से अपना पसन्दीदा गाना गाएँ, यह न सोचें कि पड़ोसी क्या कहेगा; सोचें कि अगर पड़ोसी कुछ कहेगा तो उसे भी साथ बिठा लेंगे गाने को।
5. कोई प्यारा सा जानवर पालें और उसके साथ खूब खेलें: तनाव भगाने का एक और भी बहुत कारगर तरीका है वह है पालतू जानवर। घर में कोई न कोई जानवर पालें - बेहतर होगा कि कुत्ते पालें क्योंकि कुत्ते प्यार दर्शाने में बहुत माहिर होते हैं और आपके प्रति अपने अन्दर के प्यार को सुबह-शाम दर्शाकर वे आपके अन्दर खुशी और उत्साह का संचार करते हैं। इसके अलावा कुत्ते आपको सुरक्षा का अहसास भी कराते रहते हैं।
6. कहीं घूमने जाएँ: मौका मिलते ही घूमने निकल जाएँ, यदि परिवार और दोस्त साथ हों तो क्या बात है, लेकिन यदि कोई साथ न आ पा रहा हो तो अकेले ही भ्रमण करें। अकेले घूमने से कई बार हमारा ध्यान उन चीज़ों पर जाता है जिनपर किसी के साथ रहने से हमारी नज़र तक नहीं पड़ती।
 7. अपनी आलोचना को सकारात्मक रूप में लेना शुरु करें: हालांकि यह बहुत ही कठिन कार्य है लेकिन की गई आलोचना की कटुता को नज़रअन्दाज़ करते हुए इसकी सच्चाई पर ध्यान दें और उस क्षेत्र में सकारात्मक रूप से काम करना शुरु करें। याद रखें आलोचना ही हमें आगे भी बढ़ाती है और आलोचना ही हमें नीचे भी गिराती है, यह हमपर निर्भर करता है कि हम इसमें से क्या चुनते हैं।
8. तनाव में कोई निर्णय न लें|
9. खाली समय में कुछ रचनात्मक कार्य करें। किसी स्पोर्ट्स क्लब से जुड़ें और हर शाम नियमित रूप से वहाँ जाएँ, जी भर कर बच्चों की तरह खेलें या पोएट्री क्लब से जुड़ जाएँ, पेंटिंग बनाएँ, फोटोग्राफी करें या कुछ भी जो आपका शौक हो। अपने शौक का एक कलेक्शन बनाएँ और उसे प्रदर्शित करने के उपाय के बारे में सोचें।
10. किसी भी चीज़ की योजना पहले से बनाएँ। जल्दबाज़ी और अंतिम समय में बनाई गई योजनाएँ अक्सर खराब परिणाम देती हैं और फिर ये आपके तनाव का कारण बनती हैं।
11. लोगों के लिए कुछ अच्छा करें। चाहे छोटी-मोटी मदद हो या कोई बड़ी सहायता, किसी के मुस्कुराते चेहरे के साथ कहा गया धन्यवाद शब्द हमें अन्दर तक खुश और संतुष्ट कर जाता है।
12. माफ करते चलें: माफ कीजिए और खुद ही देखिए कैसी अनुभूति होती है।
13. यदि आप तनाव देने वाली स्थिति में सुधार कर सकते हैं तो सकारात्मक सोच और पूरी दृढ़ता के साथ उसमें जुट जाइए लेकिन अगर स्थिति के बेहतरीकरण में आप कुछ नहीं कर सकते तो सोचिए कि जो हो रहा है, अच्छे के लिए हो रहा है। इससे भी बुरा हो सकता था।
14. और अंत में अगर आपकी चिंता करने से कुछ होता है तो अपने स्वास्थ्य की चिंता करनी शुरु कीजिए और देखिए तनाव कैसे खुद-ब-खुद आपसे दूर हो जाता है।
तो आज ही से इन गुरों को अपनाइए और ज़िन्दगी में मिलने वाले कई सारे मौकों को जीते जाइए।