आदरणीया प्रज्ञा जी, आपको ढेरों मुबारकबाद. रचनाकार के लिए खुद की किताब एक बच्चे जैसी होती है. कितनी पीड़ायों के बाद,कितने झमेलों के बाद एक किताब का जन्म होता है. आप के चेहरे की मुस्कराहट एक माँ जैसी है. बहुत खुश हूँ जानकर. इस बच्चे की किलकारी मैं भी सुनना चाहूंगा. देखना चाहूंगा कहाँ फूल खिले हैं और कहाँ रेगिस्तान विछा है. बताईयेगा कैसे मिल सकती है.
@विशाल जी>>>आपकी टिप्पणियों की तो क़ायल हूँ:)....पुस्तक आपलोगों तक पहुँचाने की कोशिश कर रही हूँ, ज़रा सी आउट ऑफ स्टॉक हो गई है...पर जल्द ही आ जाएगी पुन: स्टॉक में:)
दी देर से पता चला. एक अजीब सी खुशी फ़ील कर रहा हुं. वैसे आपको बहुत-बहुत बधाई. अब तो मै जल्द से जल्द इसे पढना चाहता हुं. आप क्रिप्या प्रकाशन का नाम बतायें.
मेरी पुस्तक 'गौरव बुक सेंटर, दरियागंज' पर उपलब्ध है...यदि आपमें से कोई इसे खरीदना चाहे तो कृपया गौरव बुक सेंटर से संपर्क करें...आप प्रतिमा प्रकाशन से भी यह पुस्तक मंग़वा सकते हैं जिनका मोबाईल नंबर है - 09350887815...बहुत-बहुत धन्यवाद..
Bahut,bahut mubarak ho!
ReplyDeleteबहुत बढ़िया |
ReplyDeleteबधाई ||
http://dineshkidillagi.blogspot.com/
हार्दिक बधाई और शुभकामनायें।
ReplyDeleteकाव्य- रचना की पुस्तक के लिए बहुत-बहुत बधाई.
ReplyDeleteबहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteबधाई हो आपको आपकी किताब के लिए।
ReplyDeleteक्या इसकी प्रति मिल सकती है, यदि हां तो क्या करना होगा, बताएं।
aattuullss@gmail.com
http://atulshrivastavaa.blogspot.com/
हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteशुभकामनांए.
ReplyDeleteआदरणीया प्रज्ञा जी,
ReplyDeleteआपको ढेरों मुबारकबाद.
रचनाकार के लिए खुद की किताब एक बच्चे जैसी होती है.
कितनी पीड़ायों के बाद,कितने झमेलों के बाद एक किताब का जन्म होता है.
आप के चेहरे की मुस्कराहट एक माँ जैसी है.
बहुत खुश हूँ जानकर.
इस बच्चे की किलकारी मैं भी सुनना चाहूंगा.
देखना चाहूंगा कहाँ फूल खिले हैं और कहाँ रेगिस्तान विछा है.
बताईयेगा कैसे मिल सकती है.
@क्षमा जी, रवि जी, वंदना जी, अमृता जी, संजय जी, अतुल जी, 'स्मार्ट इंडियन', शकुंतला जी, विशाल जी>>> शुभकामनाओं के लिए बहुत-बहुत शुक़्रिया...
ReplyDelete@विशाल जी>>>आपकी टिप्पणियों की तो क़ायल हूँ:)....पुस्तक आपलोगों तक पहुँचाने की कोशिश कर रही हूँ, ज़रा सी आउट ऑफ स्टॉक हो गई है...पर जल्द ही आ जाएगी पुन: स्टॉक में:)
ReplyDeleteबहुत सुन्दर प्रस्तुति.
ReplyDeleteदीपावली के शुभ पर्व पर मेरी तरफ से ...आपको और आपके परिवार को हार्दिक, ढेरों शुभ कामनाएँ
पुस्तक के लिए बहुत-बहुत बधाई
ReplyDeleteदी
ReplyDeleteदेर से पता चला. एक अजीब सी खुशी फ़ील कर रहा हुं. वैसे आपको बहुत-बहुत बधाई. अब तो मै जल्द से जल्द इसे पढना चाहता हुं. आप क्रिप्या प्रकाशन का नाम बतायें.
मदन जी> आपको भी दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ..
ReplyDelete@संजय जी> बहुत-बहुत शुक्रिया..
ReplyDelete@शशि> बहुत शुक्रिया...प्रकाशन का नाम 'प्रतिमा प्रकाशन' है...उम्मीद है आपलोगों को पुस्तक पसंद आएगी...
ReplyDeletea lot of congrats pragya ji...for ur 1st kaavya sangrah.....God bless u:)
ReplyDeleteसत्यम जी> बहुत-बहुत शुक़्रिया..
ReplyDeleteमेरी पुस्तक 'गौरव बुक सेंटर, दरियागंज' पर उपलब्ध है...यदि आपमें से कोई इसे खरीदना चाहे तो कृपया गौरव बुक सेंटर से संपर्क करें...आप प्रतिमा प्रकाशन से भी यह पुस्तक मंग़वा सकते हैं जिनका मोबाईल नंबर है - 09350887815...बहुत-बहुत धन्यवाद..
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