एक सवाल मेरे अन्दर काफी दिनों से घूम रहा है। मैंने अक्सर देखा है लोगों को - बस से नीचे उतरते हैं, पॉकेट से पुराना टिकट निकालते हैं और नीचे फेंक देते हैं। खड़े-खड़े या टहलते हुए चिप्स खाते हैं और खाली हो जाने पर पैकेट वहीं फेंक देते हैं। रास्ते में भुट्टा खरीदते हैं, बड़े मज़े से खाते हैं और फिर वही - खत्म हुआ तो useless हिस्सा वहीं रास्ते में। और तो और कई बार हम गाड़ी सड़क के किनारे लगाकर अन्दर पड़ी हार्ड ड्रिंक, कोल्ड ड्रिंक या फ्लेवर्ड मिल्क की खाली बोतलें सड़क किनारे रख देते हैं - बड़े सम्हालकर, कहीं फूट ना जाएँ। इसी तरह से जाने कितने मिस्टी दही के डिब्बे, लस्सी के पैकेट, पेन के प्लास्टिक कवर आदि हमारी सड़क की शोभा बढ़ाते रहते हैं.....मानो हमारी सड़कें यूनिवर्सल डस्टबिन हों।
मैं सिर्फ एक बात जानना चाहती हूँ - क्या सड़क किनारे, बस स्टॉप या जगह-जगह खड़े डस्टबिन इतने पुराने हो चुके हैं कि हम उनका इस्तेमाल करना भूल गए हैं? या यह कोई इतनी नई-सी तकनीक है जिसका इस्तेमाल करना ही हमें नहीं आ पा रहा? ...या फिर, क्या डस्टबिन का इस्तेमाल करना ही हमारे लिए out of fashion हो चुका है?
nice thought
ReplyDeleteits nice you are conscious of such issues but i would like you to add some of the facts related to it........like how are the people facing in our country...............environmental hazard........unhygeinic............the role of govt in making awareness and so on............do one more thing.........just do some background research on such things because you are writing article not report.
ReplyDeleteThanx Manoj for your suggestions..I will keep these in my mind while writing something next time....but this time I would like to say that its actually not an article or report or anything like that, its just a simple question.......why we use our roads instead of dustbins??????
ReplyDeletepragya di...
ReplyDeleteachha laga aapko padhna....| apne chote se lekh me aapne bada hee saskat mudda uthaya hai. logon kee gairjabawdehi pe yathochit kataksha v hai aapki rachna.
nice thinking and rit msg for socity...............
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