Wednesday, June 8, 2011

जानती नहीं ख़ुदा, तुझे मुझसे क्या शिक़ायत है, क्या नाराज़गी है कि न मुझे जीने देते हो न मरने देते हो....जीने लगो तो ऐसा ग़म मेरे सिर बांधते हो जिसे उतारा नहीं जा सकता...ऐसी यादें, ऐसे चोट, ऐसे सच.....मौत में सिमटने की कोशिश करो तो एक बहुत बड़ी सी खुशी, जैसे सबकुछ दे दिया....और फिर? वही सब कुछ....मैं जाऊँ तो कहाँ जाऊँ ईश्वर....ये कैसा बोझ है जो हर किसी के लिए भारी है......मेरे लिए और जो भी मेरे आसपास है सबके लिए...क्या करूँ...क्या छोड़ दूँ सबकुछ....क्या यही अच्छा है...क्या सबकुछ मिटाने का यही तरीका है?......छोड़ने भी तो नहीं देते...........क्यों ऐसा सबब ईश्वर...क्या किया है मैंने..मेरी ग़लतियाँ तो बताओ......

9 comments:

  1. pragya ji....namaskar!! samjh nhi aa rha apki post pr kya comment karu ...? lakin jis daur se aap gujar rahe ho m bhi ussi daur se gujar rha hu ....bs fark itna hai m samjh chuka hu ki ek nayi shuruaat apko fir se khada kar dega iss samaj or apno ke samne .....bs jarurat hai nayi shuruaat ki !

    Jai Ho Mangalmay Ho

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  2. पहली बार आपके ब्लॉग पर आई. आपकी शिकायत सही है, इश्वर जी सुनेंगे .

    ___________________

    'पाखी की दुनिया ' में आपका स्वागत है !!

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  3. जिंदगी की कविता को क्या खूब पढ़ा है,



    कुँवर जी,

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  4. आपका ब्लॉग पसंद आया. हिंदी में लिखने वालों की कमी है और हिंदी और अंग्रेजी दोनों में लिखने वाले तो गिने चुने होंगे. अब तक ब्लॉग तो मैं अंग्रेजी में ही लिखता आया हूँ, हाँ कुछ गाने ज़रूर हिंदी में लिखे हैं (हनुमान, return ऑफ़ हनुमान, बम बम बोले) जिन्हें हिंदुस्तान के करीब करीब सभी बड़े गायकों ने अपनी आवाज़ से निखारा है: सोनू निगम, शान, कैलाश खेर, शंकर महादेवन, दलेर मेहँदी, अदनान सामी, पलाश सेन, विजय प्रकाश . आपसे प्रेरणा लेकर हो सकता है मैं भी हिंदी में ब्लॉग लिखने की कोशिश करूँ:) satish-oneeyeclosed.blogspot.com

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  5. ...क्या किया है मैंने..मेरी ग़लतियाँ तो बताओ

    khuda galtiyon ke liye saza nahi deta, vo to raah dikhata hai taaki hum wakt par jyada kuchh khone se pahle hi seekh jayen....

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  6. @रश्मि जी, ज्योति जी, विवेक जी, अक्षिता जी, कुँवर जी,सतीश जी, देवेन्द्र जी>>> हौसला आफ़ज़ाई और पसन्दगी के शब्दों के लिए बहुत बहुत शुक्रगुज़ार हूँ...

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  7. @सतीश जी>> आपका मैसेज देख-पढ़कर अच्छा लगा, आपके बारे में सुजाता भाटिया जी से पता चला था, आपके ब्लॉग को देखा तो फॉलो न करने का कोई प्रश्न ही न था....खूब लिखते हैं आप...अभी तक की अचीवमेंट्स के लिए बहुत-बहुत बधाईयाँ और भविष्य के सुनहरेपन की कई सारी कामनाएँ...

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