सड़क पर पड़ी चीज़ कभी ना उठाइए
राह चलते उसे लाँघ जाइए
चाहे कितना भी बेशकीमती हो पर्स
न होने पाए उससे आपका स्पर्श
उसमें हो सकता ज़ोरदार बम है
आपकी ज़िंदगी क्या पैसे से कम है?
पतले से चिप से भी धमाका हो जाना है
भई, आजकल हाइटेक ज़माना है
हाईटेक ज़माने को सर से लगाइए
सड़क की हर वस्तु से दूर हो जाइए।
चाहे निचला हिस्सा हो सीट का
या हो पार्क में बेंच बना कंक्रीट का
हर सीट पर चेक करके बैठिए
उसमें छिपा सकते हैं बम घुसपैठिए।
बमों की आजकल हर जगह जमात है
हमारी आपकी ज़िंदगी एक अदद बम के हाथ है
ज़रा धीमे से चेक कीजिए अपना हर पार्सल
कहीं हो न जाए जीवन से आपका कोर्ट मार्शल।
सरे आम बिकती है लोगों की लाइफ़
चाहे हो हसबैंड चाहे हो वाइफ़
लाइफ़ है प्रेशियस कहावत सरेआम है
सुन लीजिए आप भी, जान है तो जहान है
लावारिस वस्तु दिखे तो दूर हो जाइए
ज़रूरी नहीं कि फोन कर पुलिस को बुलाइए
क्रिमिनल को पकड़वाकर बन जाएँगे आप हीरो
पैसे भी मिलेंगे आपको पाँच के आगे पाँच ज़ीरो
पर जेल में जब क्रिमिनल की सज़ा होगी फ़ुल
हो न जाए आपके जीवन की बत्ती गुल
तभी तो कहते हैं हम आपसे
दिल को छोड़िए जनाब,
काम लीजिए दिमाग से।
हास्य में एक सार्थक सन्देश देती रचना
ReplyDeleteAtom bamon ke dher pe baithee hai ye duniya!
ReplyDeleteचारो तरफ फैले हैं बम, नफरतों के.
ReplyDeleteसुन्दर अभिव्यक्ति.
@संगीता जी, क्षमा जी, संजीव जी>>> धन्यवाद!
ReplyDeleteशुक़्र है कि आजकल कुछ दिनों से बम अख़बार की सुर्ख़ियों या हमारी चर्चा में नहीं हैं..
चर्चा मंच के साप्ताहिक काव्य मंच पर आपकी प्रस्तुति मंगलवार 24 - 05 - 2011
ReplyDeleteको ली गयी है ..नीचे दिए लिंक पर कृपया अपनी प्रतिक्रिया दे कर अपने सुझावों से अवगत कराएँ ...शुक्रिया ..
साप्ताहिक काव्य मंच --- चर्चामंच
@संगीता जी>>> सबसे पहले तो शुक्रिया अदा करना चाहूँगी चर्चा मंच पर मेरी कविता को लाने के लिए, आपलोगों ने इसे इस योग्य समझा.....मैंने बड़ी कोशिश की परंतु वहाँ प्रतिक्रिया देने की प्रक्रिया नहीं समझ पाई....अपने साथ-साथ बाकी के कवियों को भी पढ़ा....काफी मनोरंजक व भावपूर्ण कविताएँ एक ही मंच पर पढ़ने को मिलीं...इस पहल के लिए आपलोगों का बहुत शुक़्रिया करना चाहूँगी...धन्यवाद..
ReplyDeleteलावारिस वस्तु दिखे तो दूर हो जाइए
ReplyDeleteज़रूरी नहीं कि फोन कर पुलिस को बुलाइए
क्रिमिनल को पकड़वाकर बन जाएँगे आप हीरो
पैसे भी मिलेंगे आपको पाँच के आगे पाँच ज़ीरो
पर जेल में जब क्रिमिनल की सज़ा होगी फ़ुल
हो न जाए आपके जीवन की बत्ती गुल
sahi seekh di hahaha mast
सच मे दिमाग से काम लेना होगा
ReplyDeleteबम को नमस्कार करके पल्ला झाड लेना होगा
सुन्दर संदेश देता व्यंग्य
सार्थक सन्देश देती रचना
ReplyDeleteहास्य-व्यंग के माध्यम से पूरी साइक्लोजी समझा दी बम की...
ReplyDeleteबहुत सुन्दर .. अन्दाज निराला है और फिर अंत में सार्थक सन्देश
ReplyDelete@रश्मि जी, वन्दना जी, संजय जी, वाणभट्ट जी, वर्मा जी>>>बहुत बहुत धन्यवाद..
ReplyDelete@वन्दना जी>>फॉलो करने के लिए बहुत शुक्रिया...
ReplyDeletebeautiful rhyming !!
ReplyDeleteसार्थक सन्देश...
ReplyDeletebeautiful write.
ReplyDeleteहास्य में एक सार्थक सन्देश देती रचना|धन्यवाद|
ReplyDelete@ज्योति जी, सुनील जी, विशाल जी, patali, विवेक जी>>>धन्यवाद.....वैसे अगर मेरी यह कविता दिल्ली पुलिस के हाथ लग गई तो??????
ReplyDelete'बढ़िया इनाम' मिलेगा मुझे ऐसे उपदेश देने का:))
आपके व्यंग की धार बहुत तेज़ है ... धमाका करेगी आपकी कलम भी ... लाजवाब ...
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